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Title Fraud in Property : एक  गंभीर विषय
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Title Fraud in Property : एक गंभीर विषय

Apr 7, 2024

guruciti.com में आपका स्वागत है जहाँ हम Different Different विषयों पर उपयोगी जानकारी आपके साथ साझा करतें है और आपके Knowledge को Enhance करने में अपना योगदान देने का प्रयास करतें है… आज का विषय है “Title में Fraud “

आपने Real estate experts के द्वारा अक्सर सुना होगा कि Property खरीदने से पहले Title check कर लें लेकिन ये समझ में नहीं आता है कि Title आखिर होता क्या है, क्या – क्या चीज़ेँ इसमें Check की जाती है और किस Type का Fraud इसमें हो सकता है तो इस Article में मै सबसे पहले आपको सारे Frauds के बारे में बताऊंगा कि किस किस तरह के Frauds हो जाते है।

सबसे पहले हम Ready to Move Property की ही बात कर लेते है। Ready to move in Property में scammer अपने नाम पे Property के Title documents को Transfer करा लेगा या किसी तरह से नकली कागज बनवा लेगा.., Signature जो होंगे उसके अंदर वो Forged कर देगा और वो अपने आपको Owner दिखा सकता है या फिर General power of Attorney। हो सकता वो अपने नाम पे General Power of Attorney बनवा लें कि मेरे पास सभी Rights है इस Property को Sell करने के लिये। तो ऐसी किस तरह की Properties को ये लोग Target करतें है..?

जो Properties काफी time से खाली पड़ी हुई है, जिनके Owners Country से या State से बाहर रहते है , इस तरह की Properties को Target करतें है।
कई बार Property का Title ही clear नहीं होता है, इसका मतलब कोई Dispute हो सकता है उस Property पे, Loans हो सकते है, Lease पे दिया हुआ हो सकता है,Municipality के Tax dues हो सकते है, कोई और अन्य dues हो सकते है जैसे construction के, Contractor के… तो अगर इस तरह के कोई dues है तो Property के Title को clear नहीं माना जाता है क्योंकि उस पर एक तरह का चार्ज create हो जाता है जिसे हम Lien बोलते है.. तो किसी भी तरह का lien नहीं होना चाहिए, encumbrances नहीं होने चाहिए तभी Property का Title clear माना जाता है। तो अगर कोई owner इस तरह के liens को छुपाता है तो यह भी एक तरह का Fraud है।

अब हम बात करतें है Under construction Property की तो अगर आप किसी Builder के साथ Property Book करतें है तो वहाँ पे किस Type के Tiltle Fraud हो सकते है, कई बार जो Fly by night के builders होते है जो रातों रात पैसे लेकर भागने की कोशिश करतें है वे क्या करेंगे कि हो सकता है land उनके नाम पे ही ना हो… बहुत से लोग उनके Titles को उनकी sale deed या बाकी के अन्य documents को Check ही नहीं करतें है… तो builder अगर अपनी land पर नहीं बनाता है वो Property और किसी खाली land पर बनाकर बेच देता है तो इस प्रकार के disputes भी हो जाते है।…. फिर Land के ऊपर Builder काफी सारा loan लिये हुए होता है, Mortgage होती है और आपको पता भी नहीं होता तो हो सकता है Future में Project की Delivery ही नहीं हो… कई बार दूसरे disputes हो जाते है कि मान लो किसी Land owner ने Builder के साथ development agreement sign कर लिया और अब उन दोनों के बीच में कोई dispute हो जाता है तो suffer हमें ही करना पड़ेगा क्योंकि या तो Project की Delivery ही नहीं होगी या बहुत ज्यादा delay हो जायेगी। फिर कई बार Builder Change of Land use लिये बिना ही Property को बेच देता है और पता नहीं चलता कि उसको CLU मिलेगा भी या नहीं और Project की Delivery लेट हो जाती है… तो येतो हो गये Ready to Move और Under construction

Property से Related Title frauds

Liens and Restrictions :

इसके बाद हम बात करतें है कि किसी Property पर liens और Restrictions की तो किसी भी Property के ऊपर liens हो सकते है, Charge हो सकते है, किसी भी Property पर loan लिया गया है और वो declare नहीं किया गया है तो वो भी एक तरह का charge है, कोई Property Lease hold भी हो सकती है… वैसे lease hold property को खरीदने में as such कोई नुकसान नहीं है लेकिन आपको पता होना चाहिए कि Free hold और lease hold में क्या फर्क है और किस type के charge है उसके ऊपर।

उसके बाद कुछ Tax, dues हो सकते है जैसे Municipality के liens… अब liens का मतलब ये होता है कि Property को बेचने से पहले वे dues clear करने जरूरी है अगर Property बिकती है तो सबसे पहला Right उनका होगा पैसा Recover करने का उसके बाद ही sale deed execute हो पायेगी इसलिए Dues clear करने बहुत जरूरी है… इसके बाद Municipality के और भी कुछ dues हो सकते है कि मान लो कोई Building code के violation हो रखें है, Completion certificate नहीं मिला, Occupation certificate नहीं मिला है तो भी Municipality का charge हो जाता है एक तरह से उस Property के ऊपर। Housing society के dues अगर Pay नहीं किये है तो Society का एक Charge है…

Restrictions और allowances के Charge

बहुत सारे Complexes में या Societies में Parking restrictions होते है कि आप बस एक ही गाडी Park कर सकते है, ज्यादा गाडी नहीं ले जा सकते है, Balcony को Cover नहीं कर सकते है, Open spaces में कुछ extra construction नहीं हो सकती है तो ये सारे Restrictions भी आपको मालूम होने चाहिए।
Easements : Easements होती है कि मान लो कोई Plot चारों तरफ से घिरा हुआ है तो उसको बगल वाले Land से रास्ता जरूर मिला होगा जिसे हम Easement बोलते है। तो इस Property को Right of Way हो गया कि इस Property को रास्ता देना पड़ेगा इस Property में जाने के लिये तो इसको हम Right of Way कह सकते है, कई बार ये Right of way Road Projects के लिये भी हो सकता है, Railway के लिये भी हो सकता है। उसके बाद Utilities का भी Right of way हो जाता है… मान लो नीचे से Underground Pipe line जा रही है तो उनको Access करने के लिये जो भी Govt Authorities है वे कभी भी access कर सकते है.. Lets say इस Property के अंदर कोई Electric Pole है तो Electric Pole के लिये उनको भी access मिलना चाहिए… तो इस तरह के Easements भी आपको पता होने चाहिए कि अगर किसी Property में इस तरह के Easements है तो उस Property की value कम हो जाती है… तो ये आपको पहले से ही मालूम होने चाहिए, बाद में Surprise नहीं होने चाहिए ज़ब भी कोई Property खरीद रहे है। तो अब इस तरह के कोई भी Title Clear नहीं है और Fraud होने का Risk है तो इनको हम कैसे Avoid कर सकते है…?… अगर हम ठीक से Title search करें तो ये सारे Title Frauds के Risk avoid कर सकते है या फिर ये भी देख सकते है कि Title clear है कि नहीं… तो… इसी पूरे Process को हम Title search कहते है… Title search report बनती है बाकायदा और ये generally Professionals बनाते है कोई भी Real estate Lawyer होगा वो ये Report तैयार कर सकता है।.. तो… इसके अंदर Ownership Documents Check किये जाते है,Ownership में आपकी Sale deed होती है Main documents में या Conveyance deed होती है काफी States के अंदर।

तो सबसे पहले आप Sale deed देखिये ,उसको Registered कराया है कि नहीं ये देख लीजिये, Allotment letter देख लीजिये ज़ब भी वो Plot या Flat allot हुआ था… Posession कब मिला था उस Flat का ज़ब वो सबसे पहले Property बिकी थी.. उसके बाद Occupation Certificate मिलता है Development authority से या Municipality से।

CGHS मतलब Cooperative Group Housing Society का Share certificate देखिये…
फिर Under construction Property की अगर हम बात करें तो इसके अंदर भी हमें Registered Sale deed देखनी चाहिए Builder के नाम पे कि वो Builder के नाम पे Land है कि नहीं.., उसके बाद आप Land records चैक कर सकते है.., Land records हर state में अलग अलग नाम से जाने जाते है जैसे हम हरियाणा, पंजाब, राजस्थान में इसे जमाबंदी बोलते है, Eastern states में जैसे Orrisa इत्यादि में khatiyan बोलते है और गुजरात महाराष्ट्र में इसको सातबारा बोलते है… तो आप Land records भी check कर सकते है और Mutation भी चैक कर सकते है कि किस प्रकार से वो Land transfer हुई है… उसके बाद आप Builder से CLU approval मांगिये कि उसको Change of Land के लिये Non agricultural use करने के लिये order मिला है कि नहीं… Non agricultural मतलब अगर आप Residential Plot या Flat खरीद रहे है तो Builder के पास उसका approval होना चाहिए। फिर Development agreement और Power of Attorney होनी चाहिए अगर Builder के पास में खुद की Land नहीं है और उसने Land owner के साथ में कोई agreement किया है तो आप उस Development agreement की copy मांगिये और साथ में Power of Attorney दी जाती है Builder को तो उसकी भी Copy मांगिये Builder से कि उसके पास है या नहीं..तो ये हो गये Ownership
documents.. उसके अलावा आपको Chain of Titles check कर लेने चाहिए… देखिये बहुत सारे लोग ये मिस कर देते है इसलिए मै इसको थोड़ा याद दिला देता हूँ कि 30 साल तक के, अगर Property 30 साल पुरानी है तो 30 साल तक के और 30 साल से कम पुरानी है तो जितने भी Maximum है जिनसे वो पहली Transaction हुई है, जो 1st Owner है, वहाँ से लेकर Last तक के सभी Owners के documents को check करना है और ये सारे documents आपको लेने भी है ज़ब आपके नाम पर Property Transfer हो जायेगी… तो यहाँ तक की जितनी भी Transactions हुई है ये सारी आपको Check करनी जरूरी है कि कोई Sale deed है, Conveyance deed है, किसी Will से transfer हुई है Property, Gift deed है, Exchange deed है, Release deed है ये सारे चेक करने जरूरी है… तो किसी तरह का कोई Claim नहीं आना चाहिए.. कई बार legal heirs का Claim आ जाता है, मतलब बीच में अगर कोई Legal heir ( उत्तराधिकारी ) था और उसको बताये बिना Property बिक गयी तो वो भी Claim कर सकता है.. तो इस तरह का अगर कोई Claim किया गया है तो वो आपको जरूर मालूम होना चाहिए.. किसी भी तरह का dispute है Property पे, अगर कोई Court Case हुआ है तो Final judgement क्या आयी है ये सारी की सारी बातें Clear होनी चाहिए और ये तभी Clear हो सकती है ज़ब आप 30 साल के Records check करेंगे….

और एक No Encumbrance Certificate ले लेना चाहिए… काफी States में No Encumbrance Certificate मिलता है, कुछ States में ये नहीं भी मिलता है तो No Encumbrance Certificates के अंदर जितने भी Public records के अंदर Charge है मान लीजिये किसी भी तरह का lien है या Encumbrance है किसी भी Property पे तो वो Clearly दिख जाता है और अगर किसी भी तरीके का कोई Loan नहीं है, Dues नहीं है, Tax नहीं है तो उसे No Encumbrance Certificate आप निकलवा सकते है… Mortgage documents आप Check कीजिये.. मतलब किसी तरह Loan नहीं होना चाहिए और अगर Loan है भी तो आपको पता होना चाहिए और Owner आपको पहले Loan Clear करके देगा उसके बाद ही आपके नाम पर Property Transfer होगी और Loan के Case में बैंक एक NOC भी देता है.. No Objection Certificate कि अब कोई dues नहीं है.. उसके बाद आप Taxes और Muncipality Dues की रसीद मांगिये.. अगर कोई Society या Welfare association है तो उनसे भी एक NOC चाहिए होता है otherwise उनका भी एक charge हो जायेगा… उसके बाद एक Physical सर्वे भी जरूरी है कि आपका Exact area Layout Plan के हिसाब से है कि नहीं… Suppose करो आपने 300 गज का Plot खरीदा है तो वो मोके पर 300 गज का ही होना चाहिए.. किसी की encroachment नहीं होनी चाहिए… या कोई illegal occupant भी नहीं होना चाहिए क्योंकि कई बार क्या होता है कि आपने Property देखी नहीं और बिना देखे ही खरीद ली और वहाँ पर कोई illegal तौर पर रह रहा है तो यह भी आपके लिये परेशानी का कारण बनेगा….

Better है कि आप Seller से एक Affidavit और Indemnity का Bond भी Sign करवा लो जिसमे उसकी सारी जिम्मेदारी बनती है…
आशा है आपको मेरा ये Blog भी पसंद आया होगा और उम्मीद है ये उपयोगी जानकारी आपके जरूर काम आयेगी।

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